इलेक्सन के एक दर्जन नारे

Posted On 12:58 by विनीत कुमार |


>




1.
खिला कमल है आर्कुट पर,
वोट न डालो चिरकुट पर
(जनहित में जारी)

2. लालूजी,लालूजी क्या हुआ आपको
कुर्सी के चक्कर में सटा लिए सांप को
(बिहार की जनता)

3. तूफां आए या आ जाए आंधी
कभी न आएगा कोई गांधी
(सोनिया का फैसला)

4. भाजपा के शासन में
चावल पैंतीस रुपये बोरी होगा
जागो रे प्रजा दुखारी
धान के खेत में चोरी होगा
( विदूषक)

5. जनता की आस्था का, खुलेआम व्यापार होगा
लालकृष्ण के राज में,श्रीराम का अवतार होगा
( विपक्षी पार्टियों का अनुमान)

6. सौगंध राम की खाते हैं
मंदिर वही बनाएंगे
वोट मांगने लेकिन तब भी
मस्जिद में भी जाएंगे।
(बीजेपी की चुनावी घोषणा)

7. सरकार व्यस्त है नैनो में
झाकों नेता हमरी नयनों में
(कारविहीन देश की जनता)

8. स्विस बैंक काला धन
अपने देश में लाएंगे
काला-केसरिया फेंट-फेंटकर
उजला उसे बनाएंगे।
(बीजेपी कार्यकर्ता की योजना)

9. देश का पीएम कैसा हो
ऑडियो टेप जैसा हो
मनमोहन सिंह को लाएंगे
पलट-पलटकर बजाएंगे।
(कांग्रेस की योजना)

10. अमर सिंह को है आनंद
मिल गए उनको देवानंद
फिलिम पर्दे पर जब आएगा
होम मिनिस्टरी मिल जाएगा
( सपा कार्यकर्ता हैं निश्चिंत)

11. कांग्रेस,बीजेपी गो अवे
कम अगेन अनगर डे
बहनजी नाउ वॉन्ट्स टू प्ले
(यूपी पाठ्यक्रम की नयी राइम्स)

12. राजनीति के खेल में
सब उल्टा हो जाता है
मुन्नाभाई एमबीबीएस का भी
यहां तेल हो जाता है।
( राजनीति का सच)

( सारे नारे स्वरचित है। ये किसी भी राजनीति पार्टी से वित्त प्रदत्त नहीं है।)
edit post
7 Response to 'इलेक्सन के एक दर्जन नारे'
  1. गिरीन्द्र नाथ झा
    http://test749348.blogspot.com/2009/04/blog-post_03.html?showComment=1238820660000#c1490530061322702457'> 3 April 2009 at 21:51

    राजनीतक दलों को आपलोग अच्छा माल दे रहें हैं। अभी रवीश को पढ़ रहा था,फिर आपको पढ़ा। कुछ दिन पहले ब्रजेश ने दीवान पर चुनावी नारों पर पोस्ट किया था। ये सब कहीं न कहीं एक आम मतदाता की आवाज है,जो क्रोधित है (मेरा मानना है) जैसा आपने लिखा है-

    सौगंध राम की खाते हैं
    मंदिर वही बनाएंगे
    वोट मांगने लेकिन तब भी
    मस्जिद में भी जाएंगे।

    कल रात कुछ किताबों को पलट रहा था, रेणु रचना संसार पर जाकर जब मैं रूका तो वहां रेणु की कविताओं से मुखातिब हुआ। उन्होंने देश के पहले आम चुनाव पर एक कविता लिखी है। कांग्रेस पर उन्होंने जमकर चोट मारा है। अभी वह कविता टाइप की हुई नहीं है, लेकिन जल्द ही ब्लॉग पर उसे डालूंगा।

    वैसे मजेदार और कातिल पोस्ट के लिए शुक्रिया।

     

  2. जितेन्द़ भगत
    http://test749348.blogspot.com/2009/04/blog-post_03.html?showComment=1238827380000#c7350643629495780776'> 3 April 2009 at 23:43

    बढि‍या।

     

  3. संगीता पुरी
    http://test749348.blogspot.com/2009/04/blog-post_03.html?showComment=1238835180000#c7726154234149301074'> 4 April 2009 at 01:53

    अच्‍छा लिखा है ... सचमुच जनता की आवाज है ये।

     

  4. राजीव जैन Rajeev Jain
    http://test749348.blogspot.com/2009/04/blog-post_03.html?showComment=1238837460000#c5316374377528257905'> 4 April 2009 at 02:31

    बहुत बढिया

    कसम से ठेका ले लीजिए

    किसी पार्टी का

    बहुत कमाई होगी

    :)

     

  5. अविनाश वाचस्पति
    http://test749348.blogspot.com/2009/04/blog-post_03.html?showComment=1238841180000#c7413398235625824534'> 4 April 2009 at 03:33

    कोई वित्‍त दे

    तो चित्‍त हो

    प्रसन्‍न
    पर

    अन्‍य सन्‍न।


    चुनावी नारे

    लिखो
    दनादन

    दनन।

     

  6. sandeep sharma
    http://test749348.blogspot.com/2009/04/blog-post_03.html?showComment=1238867280000#c8669255911504886233'> 4 April 2009 at 10:48

    खतरनाक वाले नारे लगायें है जनाब...
    सभी राजनीतीक पार्टियों में भेज भी दीजिये....

     

  7. Kapil
    http://test749348.blogspot.com/2009/04/blog-post_03.html?showComment=1238868480000#c2078532209688109789'> 4 April 2009 at 11:08

    लगे रहो भैय्या, बहूत अच्‍छे.....

     

Post a Comment