
कल यानी14 मार्च हिन्दी के युवा रचनाकारों के लिए खास दिन होगा। भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित युवा रचनाकारों की कुल 13 रचनाओं जिनमें 6 कहानी संग्रह और 7 कविता संग्रह हैं का लोकार्पण एक ही साथ किया जाएगा। एक तो एक ही साथ 13 पुस्तकों का लोकार्पण औऱ दूसरा कि युवा रचनाकारों औऱ पाठकों का जमघट, इस नजरिए से ये लोकार्पण वाकई उत्साह पैदा करनेवाला होगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि हिन्दी समाज में युवा रचनाकारों की जो नयी खेप आयी है वो साहित्य के नाम पर कोसने और बदलाव के लिए कलम चलाने के बजाय कोड़े बरसाने की संस्कृति से अपने को अलग रखेंगे। फिलहाल रचनाओं के शीर्षक से साफ झलकता है कि आनेवाली पीढ़ी हिन्दी का मतलब सिर्फ कविता औऱ कहानी से नहीं, कविता और कहानी का मतलब कोरे कल्पना और भाषिक लफ्फबाजी से नहीं ले रही है बल्कि रचनाओं के भीतर समाज और निजी अनुभव को सामाजिक आलेख के रुप में ले रहे हैं। आदर्श को जबरन थोपने के बजाय सामयिक यथार्थ को निपट रुप में रख देने के साहस के साथ इनकी रचनाएं सोशल डॉक्यूमेंट के तौर पर सामने आ रही हैं। संभव है इससे एक हद तक जड़ हो चुकी साहित्य की वर्जनाएं भी टूटे लेकिन हिन्दी और हिन्दी से इतर साहित्य में प्रैक्टिकल एप्रोच की तलाश कर रहे पाठकों के बीच एक नयी उम्मीद जगेगी। जवान होते हुए लड़के का कबूलनामा और कहते हैं शहंशाह सो रहे थे जैसी रचनाओं को मिसाल के तौर पर लिया जा सकता है।
हिन्दी साहित्य की दुनिया में इन रचनाओं का लोकार्पण महज साहित्यिक जलसा न होकर ऐतिहासिक बदलाव का संकेत भी है। एक हद तक आनेवाले समय में युवा संस्कृति के कई संदर्भ इन रचनाओं और रचनाकारों के बीच से खोजे जा सकेंगे।
भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित युवा रचनाकारों की पुस्तकें
कविता-
कहते हैं तब शहंशाह सो रहे थे- उमाशंकर चौधरी(पुरस्कृत)
यात्रा- रविकांत (पुरस्कृत)
खिलाड़ी दोस्त तथा अन्य कविताएं- - हरेप्रकाश उपाध्याय
अनाज पकने का समय- नीलोत्पल
जवान होते हुए लड़के का कबूलनामा- निशांत
जिस तरह घुलती है काया- वाज़दा ख़ान
पहली बार- संतोष कुमार चतुर्वेदी
कहानी
डर- विमल चंद्र(पुरस्कृत)
शहतूत- मनोज कुमार पांडेय
अकथ- रणविजय सिंह सत्यकेतु
कैरियर गर्लफ्रैंड और विद्रोह- अनुज
सौरी की कहानियां- नवीन कुमार नैथानी
ईस्ट इंडिया कम्पनी- पंकज सुबीर
आगामी 14 मार्च को हिन्दी भवन, नई दिल्ली में इन पुस्तकों का लोकार्पण श्रीमती शीला दीक्षित, मुख्यमंत्री, दिल्ली
के द्वारा होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुँवर नारायण करेंगे।
http://test749348.blogspot.com/2009/03/blog-post_13.html?showComment=1236937200000#c1955561564467090592'> 13 March 2009 at 02:40
acchi jankari
http://test749348.blogspot.com/2009/03/blog-post_13.html?showComment=1236937680000#c2360521527047559091'> 13 March 2009 at 02:48
जब ऐतिहासिक बदलाव लाना है तो
नाम भी तो बदलें :-
भारतीय ज्ञानपीठ
भारतीय ज्ञान युवापीठ
भारतीय युवा ज्ञानपीठ
युवा भारतीय ज्ञानपीठ
भारतीय ज्ञानपीठ (युवा)
क्यों नहीं कर दिया जाता
इनमें से एक
कम से कम झलके तो पूरी तरह
स्वीकृत सम्मानितों को मेरी बधाई
कोशिश करूंगा मैं भी आने की भाई।
http://test749348.blogspot.com/2009/03/blog-post_13.html?showComment=1236938280000#c2097516126788534919'> 13 March 2009 at 02:58
चिठ्ठा जगत के लिए भी ये एक ऐतिहासिक दिन होगा क्यूँ की उसमें प्रसिद्द चिठ्ठाकार पंकज सुबीर जी की पुस्तक "ईस्ट इंडिया कंपनी" का विमोचन भी शामिल है. सबको बधाई.
नीरज
http://test749348.blogspot.com/2009/03/blog-post_13.html?showComment=1236939360000#c6178554819443981040'> 13 March 2009 at 03:16
Vakai vishesh din hoga yeh.
http://test749348.blogspot.com/2009/03/blog-post_13.html?showComment=1236945360000#c1271112490034738549'> 13 March 2009 at 04:56
सबको बधाई ...
http://test749348.blogspot.com/2009/03/blog-post_13.html?showComment=1236952560000#c5118021929693236406'> 13 March 2009 at 06:56
सब को बधाई! पंकज जी को खास तौर पर!
http://test749348.blogspot.com/2009/03/blog-post_13.html?showComment=1237002240000#c4990003993780121990'> 13 March 2009 at 20:44
बधाई!
http://test749348.blogspot.com/2009/03/blog-post_13.html?showComment=1237043280000#c6979923781463346395'> 14 March 2009 at 08:08
दिनेश जी
पंकज जी को
हमने भी दी बधाई
वहीं पर खुद मिलकर।