
अंग्रेजी सहित देश के किसी भी न्यूज चैनलों के पास सुबह के सवा नौ बजे तक होटल ओबराय, होटल ताज और नारीमन हाउस के भीतर क्या हो रहा है, इसकी न तो खबर थी औ न ही कोई फुटेज। ले देकर सभी चैनलों के पास ताज होटल के उपर से उड़ते धुएं की फुटेज और दि टाइम्स ऑफ इंडिया के ऑफिस की खिड़की से ली गई एक हमलावर की तस्वीर थी। सारे चैनल इसी को लाल गोला बना-बनाकर चला रहे थे. सबों के पास लगभग एक से फुटेज थे। बहुत कोशिश करने पर इक्का-दुक्का चैनल उन खिड़कियों को जूम इन करके दिखाता जहां सुरक्षाकर्मी तैनात थे। बाकी वही सुनसान सड़के, पुलिस की गाडियां बेस्ट बसें और चैनल की गाडियां. इस आतंकवादी हमले में इस बार किसी भी चैनल ने खून से लथपथ तस्वीरें नहीं दिखायी।...
तभी इंडिया टीवी के फोन की घंटी बजती है। मुंबई से उस आतंकवादी का फोन था जिसने कि इस घटना का अंजाम दिया था। वो और उसके साथी ताज या ओबरॉय होटल के भीतर ही थे. वो इंडिया टीवी से बात करना चाह रहे थे। जबकि बाकी चैनलों ने बताया कि इन आतंवादियों ने अपनी तरफ से कोई अभी तक मांग नहीं रखी है। एक चैनल के एंकर ने अपने रिपोर्टर से सवाल भी किया कि ये तो और भी खतरनाक स्थिति है जबकि आतंकवादी कोई मांग न रखे. रिपोर्टर ने कहा- बिल्कुल सही कह रहे हैं आप. चैनल उस सरकार की अपील को दोहरा रहे थे जिसें ऐसा कहा गया था कि- मीडिया ऐसा कुछ भी न दिखाए जिससे कि आतंवादियों को ऑपरेशन के बारे में जानकारी मिल जाए.
लेकिन इंडिया टीवी का अवतारी चरित्र सामने आया। यहां आतंकवादी ने साफ कहा कि उनकी मांग है कि देश में जितने भी मुजाहिउद्दीन से जुड़े लोगों को पकड़ा गया है सरकार उन्हें तुरंत छोड़ दे, मुसलमानों को परेशान करना बंद कर दे। इंडिया टीवी के एंकर ने सवाल किया कि- आप भी इसी देश के हैं, आप बेकसूर लोगों को क्यों मार रहे हैं, इसमें आप के भी भाई हो सकते हैं. आतंकवादी ने जबाब दिया। मुझे इस देश से प्यार है. लेकिन जब लोग मेरी ही भाइयों को, मेरी ही बहू-बेटियों पर अत्याचार कर रहे थे तब क्यों नहीं सोचा कि ये सब गलत है। बाबरी मस्जिद गिराते समय क्यों नहीं सोचा कि वो गलत कर रहे हैं। ये बात उन्हें अभी ही क्यों याद आयी।
ये सब बातें हो ही रही थी कि इसी बीच इंडिया टीवी ने एक्सपर्ट जुटा लिए। बाबा रामदेव से लेकर फतेहपुर मस्जिद के इमाम और इस्लाम के दूसरे भी विद्वान इंडिया टीवी पर अपनी बात करने लगे। इनमें से एक ने कहा कि- ऐसा करके वो सिर्फ बेकसूरों को नहीं मार रहे बल्कि इस्लाम को मार रहे हैं। दूसरे ने साफ कर दिया कि- मैं भी देश में घूमता रहता हूं, मुझे भी पता है कि कहां के लोग किस तरह से, किस भाषा में बात करते हैं। ये आतंकवादी जो कुछ भी बोल रहे हैं, दरअसल वो हैदराबाद के है ही नहीं। ये सारी बातें बना कर बोल रहे हैं। दस-बारह जुमले सीख लिए हैं उन्हें बोल दे रहे हैं, बाकी चीजें बोल नहीं पा रहे। उनके हिसाब से या तो ये हैदराबाद के नहीं हैं या फिर....हम सोचें तो इंडिया टीवी पर फ्लैश आने शुरु हो गए- अपील का असर
आतंकवादियों ने की इंडिया टीवी से बातचीत
इंडिया टीवी के पास आतंवादियों के हैं मो। नंबर
आतंवादी देख रहे हैं इंडिया टीवी।
जितने एक्सपर्ट से इस मामले में राय ली जाती उतनी बार आतंकवादी और इंडिया टीवी के बीच हुई बातचीत को दोहराया जाता. डेढ़-घंटे पहले हुई बातचीत को भी लाइव बोलकर चलाया जाता रहा। बाद में इसकी एडिटिंग कुछ इस तरह से हुई कि सवाल-जबाब का क्रम भी चैनल के हिसाब से बदल गया। इन सबके बीच सीएनएन, टाइम्स नाउ और कुछ दूसरे हिन्दी चैनल घायल लोगों की बात कर रहे थे. एक हिन्दी चैनल ये भी बता रहा था कि बेस्ट बसों का इस्तेमाल भी जरुरत पड़ने पर एम्बुलेंस के रुप में किया जा सकता है। कुछ चैनल आतंकवाद के इतिहास से ९ बटा ११ जैसे मुहावरे खोजने में लगे थे।
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227790740000#c4488699208591321756'> 27 November 2008 at 04:59
इंडिया टीवी का यह घटिया और काला कारनामा किसी भी देशद्रोह से कम नहीं है
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227791520000#c9172569856318513212'> 27 November 2008 at 05:12
What else can we expect from India TV! Ridiculous. Shameful.
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227791700000#c8732373106695213297'> 27 November 2008 at 05:15
क्या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भोपू हो गया है घबराहट फैलाने का ?क्या पत्रकारिता का कोई कोर्स नही होता जो कोई भी चैनल खोलकर सो कॉल्ड पत्रकार बन जाता है....दूसरे कई चैनल अपने नीचे नंबर फ्लेश कर रहे है की हमसे बात करे ....हामी है जो तबसे ये दिखा रहे है .दुःख की बात है की एन डी .टी वी भी इसी होड़ में शामिल हो रहा है
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227791820000#c8141337644957162346'> 27 November 2008 at 05:17
यह इंडिया टीवी नहीं इंडिया-तोड़ो टीवी है।
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227791940000#c5127803362937593790'> 27 November 2008 at 05:19
कहीं आतंकवादियों के नाम पर खुद ही अपने लोगों से ये डायलोग्स तो नहीं बुलवा लिये?
धिक्कार है.. नहीं आज तो कहने का मन होता है "थू है" इस तरह के समाचार प्रसारित करने वाले चैनलों पर।
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227792000000#c2259163910851682990'> 27 November 2008 at 05:20
i like your blog......
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227793500000#c8949731780421299879'> 27 November 2008 at 05:45
उफ...ऐसे मसलों पर भी सनसनी फैलाने की कोशिश। पत्रकारिता के मिशन को क्या समझते होंगे ये लोग...टीआरपी और सनसनी बस ये दो ही शब्द समझते हैं ऐसे चैनल... संवेदनाओं को भुनाकर टीआरपी बढ़ाना खेल है इनका। बढ़िया आलेख।
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227795180000#c7200794020581983114'> 27 November 2008 at 06:13
जाँच होनी चाहिए क्यों आतंकी इंडिया टी वी को इ मेल करते है ,फ़ोन करते है . और रजत जी तो संघ परिवार के ही सदस्य है
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227796140000#c4155976463719320226'> 27 November 2008 at 06:29
अब भी टीवी देख रहें हैं?
आईये हम सब मिलकर विलाप करें
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227797100000#c3542061918162402912'> 27 November 2008 at 06:45
घटिया पत्रकारिता का एक नायाब उदाहरण है इंडिया टीवी।
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227797520000#c4934461269437896104'> 27 November 2008 at 06:52
इंडिया टीवी का यह घटिया और काला कारनामा किसी भी देशद्रोह से कम नहीं है
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227797760000#c2490087510728693971'> 27 November 2008 at 06:56
बहुत दिनों के बाद तो INDIA टीवी को भूत-प्रेत-चुड़ैल से अलग हटकर कुछ मिला है, उसे तो दिखाने दो यार, प्रश्न पूछने वाला पत्रकार भी महामूर्ख था, और दिखाने वाले तो खैर हैं ही… बस चलो मोमबत्तियाँ उठाओ और जलाओ, बाकी बच जायें तो……………………………… और हाँ अफ़ज़ल, सलेम, तेलगी, इन्हें भी एक-एक फ़ूल भेंट कर देना… गाँधीगिरी के हामियों…
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227798780000#c3216293669581562554'> 27 November 2008 at 07:13
Muft ki khabar mil jaaye to phir kya caiye, Ab cahe woh bhoot pret ki ho ya kisi ki laash per....
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227807600000#c5782457663959843423'> 27 November 2008 at 09:40
अरे भाई किसी का स्टार नियुज मे जान पहचान हो तो ऊसके नियुज रिडर को वापस बुलाओ. उसे निंद कि गोली खिला कर सुला दो. वो निंद मे बिना सांस लिये बोले चला जा रहा है। क्रिकेट के कमेंट्री मे चौका जाते समय वाला स्पीड पकड लिया है।
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227845880000#c7331397167080400694'> 27 November 2008 at 20:18
टी वी वालो के लिये त्रासदी अब कमाई का सबसे बडा ज़रिया बन गई है.लाश पर भी रोटी सेक लेँगे.
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227850680000#c7236432922156904890'> 27 November 2008 at 21:38
हे मित्र, क्यों निरर्थक प्रलाप करता है, क्या लेकर आया था... और क्या लेकर जायेगा ?
इंडिया टीवी -समाचार मीडिया इत्यादि सब मिथ्या है... मूक बना मेरी लीलायें देख रे मूढ़ !
क्यों कमेन्टबाजी में अपना समय व्यर्थ करता है ? याद रख, " होईहैं वहि, जो राम रचिराखा "
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227862200000#c7747824789908573534'> 28 November 2008 at 00:50
kisi ne keha tha ki jab khabar ho to media se zyada taqatwar koi nahin dikhat aur jab khabar na ho to usse phoohad. magar india tv ne sabit kar diya ki khabar hone par bhi phoohad dikha ja sakta hai!
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227864660000#c4065496492669273625'> 28 November 2008 at 01:31
यह टी आर पी का ज़माना है - देश जाए भाड में
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227879600000#c6804622553227597831'> 28 November 2008 at 05:40
हमारे बुद्धिजीवी शराब पीने के बाद मद्यनिषेध की बात करते हैं। पहले चैनल देखते हैं और फिर उन्हें अलंकृत करते हैं।...यहां भी कुछ ऐसा ही हो रहा है।
क्या आप लोगों में से किसी ने कभी गोलियां चलतीं देखीं हैं? क्या कभी फटते बमों के आस-पास भी जाकर देखा है? निंदा करना बहुत आसान होता है।
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1227972120000#c3926188846379884315'> 29 November 2008 at 07:22
The entire objective of India TV in engaging the two terrorists in an on-air conversation was to elicit the information about their origin, background, intentions and their foreign origin.
It is this conversation that helped security agencies analyse their accent and get first-hand confirmation that they had come from Pakistan and not from Hyderabad in the Deccan.
All across the globe, messages of dreaded terrorist Osma Bin Laden and interviews of self-styled commander of Hizbul Mujahideen, Lashker-e-Taiba have been put to use by the media to expose their intent.
India TV with the help of security agencies established that one terrorist, Shadullah, was using the mobile phone of a Swedish lady, Lisa Ringner, kept hostage in Room No. 1856 at the Oberoi. The other terrorist, Imran Babar, holed up in Nariman House, was using the phone belonging to another hostage, Holtzberg Gaverlein".
Channel had repeatedly asked the terrorists to surrender as they were surrounded by security forces and appealed to them to release the hostages.
Now, verification of callers..
The first call came in the morning from Shadullah who was holed up in Oberoi Hotel, Mumbai. Using Cellphone no. 09769679723 belonging to a Swedish lady named Lisa Ringner from Room No. 1856, Hotel Oberoi, Shadullah rang up India TVs popular number 93505 93505
The second call was from another terrorist Imran Babar from Nariman House, Mumbai, where he used the cellphone no. 9819464530 belonging to Holtzberg Gaverlein, staying at Nariman House Number 3, Hormusji Street, Colaba, Mumbai.
---At last please visit this site and dont you think that why had Channel 9 News Channel [Australian News Channel]showed this story of abduction? Why LARRY KING on CNN always discuss with Paranormalists?
http://www.cowabduction.com/
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1274610927932#c3118439838695968049'> 23 May 2010 at 03:35
media kabhi kisi k sath galat nahi kahti media bahi dikhata hai jo sahi hota hai india tv k pas aatanbadi ka phone aya usne prasasan ko bataya janta ko dikhaya jab bamb feke ja rahae the tab koi mantri nahi tha baha par tab sirf media thi ninda karna to asan hai kisi ki bhi kardo ashutosh
http://test749348.blogspot.com/2008/11/blog-post_27.html?showComment=1274611197895#c1955948634322242907'> 23 May 2010 at 03:39
hum jante hai ki aaj k samay me koi kisi se panga nahi lena chahata lekin media kisi se darta nahi such ko samne lata hai ninda karna to bahut asan hai ASHUTOSH MISHRA-MAINPURI