देशभर के एफ.एम गोल्ड के श्रोताओं एक हों,आकाशवाणी में नेपाली भाषा के साथ कबड्डी-कबड्डी उस समय बतायी जबकि मेनस्ट्रीम मीडिया के गलियारों में इसकी कायदे से या तो चर्चा ही नहीं थी और अगर उसकी सुगबुगाहट हुई भी तो कुछ मीडिया संस्थानों ने छापने के नाम पर ना-नुकुर किया। इसलिए अजीत सिंह की रिपोर्ट पढ़ते हुए भी आपको कई बार लगेगा कि कई लाईनें हमने पहले भी हूबहू पढ़ी है। अब धीरे-धीरे सारे अखबार और पत्रिकाएं इस खबर को गंभीरता से लेने लगे हैं। इस
बीच दो अच्छी बात हुई है कि आकाशवाणी और एफ.एम.गोल्ड के लोगों में अपना रेडियो बचाओ नाम से एक संगठन बनाया है जहां वो अपनी बात मुक्कमल तरीके से कर पा रहे हैं और दूसरी कि सरकारी महकमे और प्रशासन से जुड़े लोग इस संगठन को आधिकारिक तौर पर नोटिस ले रहे हैं। इस बात का अंदाजा हमें प्रसार भारती के सीइओ बी.एस.लाली के उस स्टेटमेंट से लग जाता है जहां वो कहते हैं कि वे अपना रेडियो बचाओ अभियान के लोगों की परेशानियों से वाकिफ हैं। हमने आज से करीब डेढ़ महीने पहले इस मामले में स्टोरी की थी तो कोई भी अधिकारी सीधे तौर पर या तो बात करने के लिए तैयार नहीं होता या फिर वौ उपलब्ध नहीं होता। आज है कि वो मीडिया से बात करने के लिए तैयार हैं। इसका सीधा मतलब है कि अब धीरे-धीरे उन पर भी तरीके से प्रेशर बन रहा है। ये अपना रेडियो बचाओ अभियान में जुटे लोगों के लिए बेहतर संकेत है।
फिलहाल हम आउटलुक की उस पूरी स्टोरी को स्कैन करके लगा रहे हैं जिससे कि आप भी 55 साल में ही बुजुर्ग और जर्जर हो चुके आकाशवाणी के बारे में जान सकें।
http://test749348.blogspot.com/2010/05/blog-post.html?showComment=1275391631059#c7604701646566250237'> 1 June 2010 at 04:27
bahut hi dukhd sir...aapka prayas sarahniy hai!
http://test749348.blogspot.com/2010/05/blog-post.html?showComment=1275450960514#c6887173364012780906'> 1 June 2010 at 20:56
जिन संस्थाओं पर हमें गर्व होना चाहिए समय बीतते वे एक-एक करके बदलती गई हैं. आकाशवाणी भी उनमें से एक है. विकसित देशों में भी मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम रेडियो ही है. अगर हम सबकुछ विकसित देशों से ही सीखने का दावा करते हैं (या कम से कम ऐसी बातें करते हैं) तो रेडियो का महत्व हमें ज़रूर समझ में आता.
एक महत्वपूर्ण पोस्ट. आउटलुक का यह संस्करण ज़रूर पढ़ते हैं.
http://test749348.blogspot.com/2010/05/blog-post.html?showComment=1275474809180#c876402414042638029'> 2 June 2010 at 03:33
AIR employees aur aapka prayas rang laya, aakhirkar mainstream media mein bhi is bare mein baat ho rahi hai.
I hope AIR gold ke golden days phir lautenge.
http://test749348.blogspot.com/2010/05/blog-post.html?showComment=1275671274631#c699650976932075285'> 4 June 2010 at 10:07
सुन्दर पोस्ट! आकाशवाणी के लिये मंगलकामना कर रहे हैं।