tag:blogger.com,1999:blog-4498616572170024854.post6997562025411640925..comments2023-08-05T02:28:28.257-07:00Comments on test749348: हम पर इमोशनल अत्याचार मत कीजिए राजकिशोरजीविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4498616572170024854.post-14614986535906834242010-08-27T02:49:04.344-07:002010-08-27T02:49:04.344-07:00सार्थक और सराहनीय प्रस्तुती ...सच्ची अभिव्यक्ति .....सार्थक और सराहनीय प्रस्तुती ...सच्ची अभिव्यक्ति ...honesty project democracyhttp://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498616572170024854.post-28946383798396142882010-08-27T02:49:04.343-07:002010-08-27T02:49:04.343-07:00अच्छा लेख है ...http://oshotheone.blogspot.com/अच्छा लेख है ...<br>http://oshotheone.blogspot.com/ओशो रजनीशhttp://www.blogger.com/profile/02490589981699767958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498616572170024854.post-22083835291571983862010-08-27T06:56:33.493-07:002010-08-27T06:56:33.493-07:00राजकिशोर जितनी सफाई दे रहे हैं उतने ही दयनीय होते ...राजकिशोर जितनी सफाई दे रहे हैं उतने ही दयनीय होते जा रहे हैं. हमेशा सच के पक्ष में खड़ा रहनेवाला पत्रकार राजकिशोर आज गलत का साथ देते हुए शर्मिन्दा भी नहीं हो रहा है. लगता है राय के साथ जुड़ने की पहली शर्त बेशर्म होना ही है. सही बात है- हमें एक उपभोक्ता होने के नाते यह जानने का पूरा हक है कि वह जवाब देने की बजाय इमोशनल अत्याचार क्यों कर रहे हैं. आपने बहुत अच्छा लिखा है विनीत जी.प्रभात रंजनhttp://www.blogger.com/profile/13501169629848103170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498616572170024854.post-58787286836780376992010-09-07T18:43:46.812-07:002010-09-07T18:43:46.812-07:00अच्छा है। राजकिशोरजी की क्या सोच है इस मामले में प...अच्छा है। <br>राजकिशोरजी की क्या सोच है इस मामले में पता नहीं लेकिन उनका विभूति नारायण जी के समर्थन में दस्तखतिया अभियान लचर बात है।<br><br>इससे अच्छा तो यह होता कि इस मुद्दे को लेकर स्त्री अस्मिता, भाषा आदि-इत्यादि पर बहस चलाते और उसी में सब इधर-उधर कर देते।<br><br>अच्छा लिखा है लेकिन साढ़े तीन रुपये की जनसत्ता दो बार खरीदी गयी। नुकसान हुआ न साढ़े तीन रुपये का।अनूप शुक्लhttp://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com